बड़ा ही इंतजार था इस वर्ष के खत्म होने का मानो जैसे यह बीत जाएगा तो नव वर्ष नई खुशियां लेकर आएगा। सिखाया तो इसमें भी बहुत कुछ है क्यों दोष दे 2020 को, बुरा वक्त भी बहुत कुछ सीखा जाता है। सिखा गया परिवार के साथ रहना, सिखा गया मुसीबत में एक होना, सिखा गया समय का मूल्य, सिखा गया परिवार का एक होना। जो दौड़ता था पैसों की दौड़ में उसे प्यार की भाषा समझा गया। यह वर्ष भी क्या वर्ष था दुखों के साथ बहुत सारी खुशियां भी दे गया। गम को देखना हमारी आदत नहीं और मुसीबतों से क्या सीखा उसे भूलना हमारी फितरत नहीं यही बात हमें 2020 सिखा गया। किस तरह से संकट में हिम्मत से काम लेना चाहिए और नई तकनीकों का प्रयोग कर उन मुसीबतों का सामना करना यह भी सिखा गया 2020। अलविदा 2020 अच्छे को हम भूलेंगे नहीं और बुरे को हम याद रखेंगे नहीं।
धन्यवाद।